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श्री पाद श्री वल्लभ सिद्ध मंगल स्तोत्रं

श्रीमदनंत श्रीविभूषित अप्पललक्ष्मीनरसिंहराजा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 1 ॥

श्रीविद्याधरि राधा सुरेख श्रीराखीधर श्रीपादा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 2 ॥

माता सुमती वात्सल्यामृत परिपोषित जय श्रीपादा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 3 ॥

सत्य ऋषीश्वर दुहितानंदन बापनार्यनुत श्रीचरणा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 4 ॥

सवितृकाठकचयन पुण्यफल भरद्वाज ऋषि गोत्रसंभवा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 5 ॥

दो चौपाती देव् लक्ष्मी घन संख्या बोधित श्रीचरणा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 6 ॥

पुण्यरूपिणी राजमांबसुत गर्भपुण्यफल संजाता
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 7 ॥

सुमतीनंदन नरहरिनंदन दत्तदेव प्रभु श्रीपादा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 8 ॥

पीठिकापुर नित्य विहारा मधुमति दत्ता मंगलरूपा
जय विजयीभव दिग्विजयीभव श्रीमदखंड श्रीविजयीभव ॥ 9 ॥

इति सिद्धमंगल स्तोत्रम् ॥




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