अन्नमय्य कीर्तन श्रीमन्नारायण
श्रीमन्नारायण श्रीमन्नारायण । श्रीमन्नारायण नी श्रीपादमे शरणु ॥
कमलासती मुखकमल कमलहित । कमलप्रिय कमलेक्षण । कमलासनहित गरुडगमन श्री । कमलनाभ नीपदकमलमे शरणु ॥
परमयोगिजन भागधेय श्री । परमपूरुष परात्पर परमात्म परमाणुरूप श्री । तिरुवेङ्कटगिरि देव शरणु ॥
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