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शिव मन्गलाष्टकम्

भवाय चन्द्रचूडाय निर्गुणाय गुणात्मने |
कालकालाय रुद्राय नीलग्रीवाय मङ्गलम् || 1 ||

वृषारूढाय भीमाय व्याघचर्माम्बराय च |
पशूनाम्पतये तुभ्यं गौरीकान्ताय मङ्गलम् || 2 ||

भस्मोद्धूलितदेहाय नागयज्ञोपवीतिने |
रुद्राक्षमालाभूषाय व्योमकेशाय मङ्गलम् || 3 ||

सूर्यचन्द्राग्निनेत्राय नमः कैलासवासिने |
सच्चिदानन्दरूपाय प्रमथेशाय मङ्गलम् || 4 ||

मृत्युञ्जयाय साम्बाय सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे |
त्रयम्बकाय शान्ताय त्रिलोकेशाय मङ्गलम् || 5 ||

गङ्गाधराय सोमाय नमो हरिहरात्मने |
उग्राय त्रिपुरघाय वामदेवाय मङ्गलम् || 6 ||

सद्योजाताय शर्वाय भव्य ज्ञानप्रदायिने |
ईशानाय नमस्तुभ्यं पञ्चवक्राय मङ्गलम् || 7 ||

सदाशिव स्वरूपाय नमस्तत्पुरुषाय च |
अघ्राय च घ्राय महादेवाय मङ्गलम् || 8 ||

महादेवस्य देवस्य यः पठेन्मङ्गलाष्टकम् |
सर्वार्थ सिद्धि माप्नोति स सायुज्यं ततः परम् || 9 ||

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