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शान्ति मन्त्रम्

पो हिष्ठा म'योभुः | ता न' र्जे द'धातन | हेरणा'य चक्ष'से | यो वः' शिवत'मोस्तस्य' भाजयतेः | तीरि'व मातरः' | तस्मा अरं'गमामवोस्य क्षया'य जि'न्वथ | आपो' नय'था च नः |

पृ
थिवी शान्ता साग्निना' शान्ता सामे' शान्ता शुचगं' शमयतु | न्तरि'क्षग्ं शान्तं तद्वायुना' शान्तं तन्मे' शान्तग्ं शुचगं' शमयतु | द्यौश्शान्ता सादित्येन' शान्ता सा मे' शान्ता शुचगं' शमयतु |

पृ
थिवी शान्ति'रन्तरि'क्षगं शान्तिर्-द्यौ-श्शान्तिर्-दि-श्शान्ति'-रवान्तरदिशा-श्शान्ति' ग्नि-श्शान्ति'र्-वायु-श्शान्ति'-रादित्य-श्शान्ति'-श्चन्द्रमा-श्शान्तिर्-नक्ष'त्राणि-श्शान्ति राश्शान्ति-रोष'ध-श्शान्तिर्-वस्पत'य-श्शान्तिर्-गौ'-श्शान्ति'-जा-शान्ति-रश्व-श्शान्तिः पुरु'ष-श्शान्ति-ब्रह्म-शान्ति'र्-ब्राह्मण-श्शान्ति-शान्ति'-रेव शान्ति-शान्ति'-र्मे अस्तु शान्तिः' |

याहग्ं शान्त्या स'र्वशान्त्या मह्यं' द्विदे चतु'ष्पदे शान्तिं' करोमि शान्ति'र्मे अस्तु शान्तिः' ||

श्रीश्च ह्रीश्च धृति'श्च तपो' मेधा प्र'तिष्ठा श्रद्धा त्यं धर्म'श्चैतानि मोत्ति'ष्ठन्त-मनूत्ति'ष्ठन्तु मा माग् श्रीश्च ह्रीश्च धृति'श्च तपो' मेधा प्र'तिष्ठा श्रद्धा त्यं धर्म'श्चैतानि' मा मा हा'सिषुः |

उदायु'षा स्वायुषोदो'षदीनाग्ं रसेनोत्पर्जन्य'स्य शुष्मेणोदस्थामृतागं अनु' | तच्चक्षु'र्-देवहि'तं पुरस्ता''च्चुक्रमुच्चर'त् |

पश्ये'म रद'श्शतं जीवे'म रद'श्शतं नन्दा'म रद'श्शतं मोदा'म रद'श्शतं भवा'म रद'श्शतग्ं शृणवा'म रद'श्शतं पब्र'वाम रद'श्शतमजी'तास्याम रद'श्शतं जोक्च सूर्यं' दृषे |

य उद'गान्मतोऽर्णवा''द्-विभ्राज'मानस्सरिस्यध्याथ्समा' वृभो लो'हिताक्षसूर्यो' विश्चिन्मन'सा पुनातु ||

ब्रह्म'णश्चोन्यसि ब्रह्म'ण णीस्थो ब्राह्म'ण वप'नमसि धारितेयं पृ'थिवी ब्रह्म'णा ही दा'रितमे'नेन न्तरि'क्षं दिवं' दाधार पृथिवीग्ं सदेवां यहं वेहं धा'रयाणि मामद्वेदोऽथि विस्र'सत् |

मे
धानीषे माविशताग्ं मीची' भूस्यव्यस्याव'रुध्यैर्वमायु'रयाणिर्वमायु'रयाणि |

भिर्-गीर्भि र्यदतो'न नमाप्या'यय हरिवो वर्ध'मानः | दा स्तोतृभ्यो महि' गोत्रा रुजासि' भूयिष्ठभाजो अध' ते स्याम | ब्रह्म प्रावा'दिष्मन्नो मा हा'सीत् ||

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः' ||

ॐ सं त्वा' सिञ्चामि यजु'षा प्रजामायुर्धनं' च ||

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः' ||

ॐ शं नो' मित्रः शं वरु'णः | शं नो' भवत्वर्यमा | शं न्द्रो बृस्पतिः' | शं नो विष्णु'रुरुक्रमः | नमो ब्रह्म'णे | नम'स्ते वायो | त्वमेप्रत्यक्षं ब्रह्मा'सि | त्वामेप्रत्यक्षं ब्रह्म' वदिष्यामि | तं व'दिष्यामि | त्यं व'दिष्यामि | तन्माम'वतु | तद्वक्तार'मवतु | अव'तु माम् | अव'तु क्तारम्'' ||

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः' ||

ॐ तच्छं योरावृ'णीमहे | गातुं ज्ञाय' | गातुं ज्ञप'तये | दैवी'' स्वस्तिर'स्तु नः | स्वस्तिर्-मानु'षेभ्यः | र्ध्वं जि'गातु भेजं | शं नो' अस्तु द्विपदे'' | शं चतुष्पदे |

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः' ||

ह ना'ववतु | ह नौ' भुनक्तु | वीर्यं' करवावहै | तेस्विनावधी'तमस्तु मा वि'द्विषावहै'' ||

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः' ||

ह ना'ववतु | ह नौ' भुनक्तु | वीर्यं' करवावहै | तेस्विनावधी'तमस्तु मा वि'द्विषावहै'' ||

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः' ||

ह ना'ववतु | ह नौ' भुनक्तु | वीर्यं' करवावहै | तेस्विनावधी'तमस्तु मा वि'द्विषावहै'' ||

ॐ शांतिः शांतिः शान्तिः' ||

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