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अन्नमय्य कीर्तन अन्नि मन्त्रमुलु

अन्नि मन्त्रमुलु निन्दे आवहिञ्चॆनु
वॆन्नतो नाकु गलिगॆ वेङ्कटेशु मन्त्रमु ||

नारदुण्डु जपियिञ्चॆ नारायण मन्त्रमु
चेरॆ प्रह्लादुडु नारसिंह मन्त्रमु |
कोरि विभीषणुण्डु चेकॊनॆ राम मन्त्रमु
वेरॆ नाकु गलिगॆ वेङ्कटेशु मन्त्रमु ||

रङ्गगु वासुदेव मन्त्रमु ध्रुवुण्डु जपियिञ्चॆ
नङ्ग विंवॆ कृष्ण मन्त्र मर्जुनुण्डुनु |
मुङ्गिट विष्णु मन्त्रमु मॊगि शुकुडु पठिञ्चॆ
विङ्गडमै नाकु नब्बॆ वेङ्कटेशु मन्त्रमु ||

इन्नि मन्त्रमुल कॆल्ल इन्दिरा नाधुण्डॆ गुरि
पन्निन दिदियॆ पर ब्रह्म मन्त्रमु |
नन्नुगाव कलिगॆ बो नाकु गुरु डिय्यगानु
वॆन्नॆल वण्टिदि श्री वेङ्कटेशु मन्त्रमु ||

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